UP Lekhpal परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए, ‘ग्राम विकास एवं ग्रामीण समाज’ एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यह खंड न केवल आपके ज्ञान का परीक्षण करता है, बल्कि ग्रामीण भारत की आपकी समझ को भी परखता है। इस लेख में, हम UP Lekhpal के लिए ‘ग्राम विकास एवं ग्रामीण समाज’ के पूरे पाठ्यक्रम को विस्तार से जानेंगे और प्रत्येक विषय पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों और उनके उत्तरों पर भी चर्चा करेंगे।
यूपी लेखपाल ग्राम विकास एवं ग्रामीण समाज टॉपिक
1. ग्रामीण प्रशासन – राजस्व के घटक एवं कार्य
ग्रामीण प्रशासन का मूल दायित्व भूमि राजस्व का सही निर्धारण एवं संग्रह है।
- प्रमुख घटक – पटवारी/लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार, उप-जिलाधिकारी।
- मुख्य कार्य – जमाबंदी तैयार करना, खसरा-गिर्दावरी, बटाईदार-पंजीकरण, वरासत प्रविष्टि, राजस्व वसूली, भू-सर्वेक्षण तथा राहत वितरण।
Example
- पटवारी द्वारा तैयार की जाने वाली वार्षिक भूमि-दस्तावेज़ रिपोर्ट को क्या कहते हैं?
a) वरासत रजिस्टर b) खतौनी c) खसरा-गिर्दावरी d) जमाबंदी
उत्तर: c) खसरा-गिर्दावरी - राजस्व न्यायालयों की प्रथम अपीलीय संस्था कौन-सी है?
उत्तर: उप-जिलाधिकारी (SDM)
2. राजस्व प्रशासन – घटक एवं कार्य
राजस्व प्रशासन राज्य सरकार का एक स्तंभ है जो आय-संग्रह व भूमि-अधिकार से जुड़ा है।
- घटक – राजस्व परिषद, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल।
- कार्य – भू-राजस्व निर्धारण, स्टाम्प शुल्क वसूली, आपदा राहत, भूमि सुधार, भू-वाद निस्तारण, सरकारी भूमि संरक्षण।
Example
- भू-राजस्व की अंतिम गणना किस स्तर पर अनुमोदित होती है?
उत्तर: राजस्व परिषद (बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू) - तहसील स्तर पर राजस्व अभिलेखों का संरक्षक कौन होता है?
a) कानूनगो b) नायब तहसीलदार c) तहसीलदार d) लेखपाल
उत्तर: c) तहसीलदार
3. ग्रामीण विकास के लिए योजना – जिला योजना मशीनरी
जिला योजना समिति 74वाँ संविधान संशोधन के तहत गठित इकाई है, जो जिला-स्तरीय विकास योजनाएँ तैयार करती है।
- संरचना – निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष (अध्यक्ष), जिलाधिकारी (सदस्य-सचिव), सांसद/विधायक, नगरीय निकाय प्रतिनिधि।
- कार्य – स्थानीय आवश्यकताएँ आँकलन, संसाधन आबंटन, सेक्टर-वार प्राथमिकता तय करना।
Example
- जिला योजना समिति की अध्यक्षता कौन करता/करती है?
उत्तर: जिला पंचायत अध्यक्ष - किस अनुच्छेद के तहत जिला योजना समिति का उल्लेख है?
उत्तर: अनुच्छेद 243 ZD
4. जिला नियोजन तंत्र में 1992 के बाद के सुधार
1992 के 73वाँ-74वाँ संशोधनों ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया।
- वित्त आयोग की अनिवार्यता, ग्राम सभा का शक्तिकरण, सीधे चुनाव, महिला व आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण।
- योजना प्रक्रिया: जरूरत-आधारित ‘बॉटम-अप’ नियोजन, सामाजिक लेखा परीक्षा, ई-गवर्नेंस (PLANPlus, ActionSoft)।
Example
- 73वाँ संशोधन के बाद पंचायतों को कुल कितने विषय 11वीं अनुसूची में सौंपे गये?
उत्तर: 29 विषय - सामाजिक लेखा परीक्षा की वैधानिक ज़िम्मेदारी किस संस्था पर है?
उत्तर: ग्राम सभा
5. जन भागीदारी और NGO की भूमिका
जनभागीदारी में समुदाय स्वयं विकास प्रक्रिया का भागीदार बनता है; NGO सेतु का कार्य करते हैं।
- भूमिकाएँ – क्षमता संवर्धन, माइक्रो-प्लान तैयार करना, निगरानी, महिला-स्व-सहायता समूहों को संगठित करना।
- सफल उदाहरण – जलागम (उत्तराखण्ड), स्वयं सहायता समूह (तेलंगाना), स्वजलधारा।
Example
- SHG-बैंक लिंकेज कार्यक्रम का क्रियान्वयन किन दो संस्थाओं के बीच साझेदारी का उदाहरण है?
उत्तर: NGO/संख्या-बैंक एवं NABARD - सामाजिक निरीक्षण (Social Audit) की अध्यक्षता किसके द्वारा होती है?
उत्तर: ग्राम सभा द्वारा चुनी गई स्वतंत्र टीम/सदस्य
6. भारतीय ग्रामीण समाज – प्रकृति एवं विशेषताएँ
- पारिवारिक-व्यवस्था मुख्यतः संयुक्त, कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था, जाति-आधारित स्तरीकरण, आस्था-केन्द्रित जीवन।
- समुदायपरक निर्णय प्रणाली तथा परस्पर निर्भरता।
Example
- ग्रामीण भारत में सामाजिक नियंत्रण की मौलिक ईकाई क्या है?
उत्तर: परिवार/जाति पंचायत - ‘लोक संस्कृति’ (Folk Culture) किस समाज का अंग मानी जाती है?
उत्तर: ग्रामीण समाज
7. भारतीय समाज के कारक
भारतीय समाज को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक – धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्रीयता, लिंग, अर्थव्यवस्था।
- बहुलवाद एवं सहिष्णुता इसकी विशेष पहचान।
Example
- ‘भूतकाल-संचित धर्म’ (Cumulative Traditions) को किस समाजशास्त्री ने भारतीय समाज का आधार बताया?
उत्तर: आर.के. मुखर्जी
8. कमजोर वर्गों की समस्याएँ – अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति
- भूमि-वंचना, शिक्षा-स्वास्थ्य में पिछड़ापन, सामाजिक भेदभाव, विस्थापन।
- समाधान – अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, वनाधिकार अधिनियम 2006, आरक्षण, विशेष केन्द्रीय सहायता (SCA), ट्राइफेड।
Example
- वन अधिकार अधिनियम के तहत अधिकतम व्यक्तिगत भू-अधिकार सीमा कितनी है?
उत्तर: 4 हे॰
9. ग्रामीण संस्थागत प्रणालियाँ – धार्मिक एवं सहयोग
- धार्मिक संस्थाएँ – मंदिर-मठ, दरगाह, गुरुद्वारा; सामाजिक एकता एवं दान।
- सहकारी संस्थाएँ – किसान सेवा सहकारी समिति (PACS), दुग्ध सहकारी (AMUL मॉडल), ग्रामीण बैंक।
Example
- सर्वप्रथम सहकारी कानून भारत में कब पारित हुआ?
उत्तर: 1904
10–12. ग्रामीण सामाजिक परिवर्तन
a) संस्कृतिकरण (Sanskritization) – निम्न जाति द्वारा उच्च वर्ण की जीवन शैली अपनाना (एम.एन. श्रीनिवास)।
b) पश्चिमीकरण – पाश्चात्य शिक्षा, प्रौद्योगिकी, वैधानिक संस्था-प्रगति।
c) आधुनिकीकरण – विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण, नगरीकरण, सूचना तकनीक का प्रयोग।
Example for (संस्कृतिकरण)
- संस्कृतिकरण प्रक्रिया में किसे ‘Reference Group’ कहा जाता है?
उत्तर: उच्च जातियाँ/वर्ण
Example for (पश्चिमीकरण)
- अंग्रेजी शिक्षा के आगमन ने भारत में किस परिवर्तन को तीव्र किया?
उत्तर: पश्चिमीकरण
13. ग्रामीण रोजगार के स्रोत
- कृषि एवं पशुपालन, कुटीर उद्योग (हथकरघा, शहद-पालन), मनरेगा, ग्रामीण पर्यटन, सूक्ष्म-उद्यम (PMEGP)।
Example
- मनरेगा में प्रत्येक परिवार को न्यूनतम कितने दिन का रोजगार सुनिश्चित है?
उत्तर: 100 दिन
14. ग्राम विकास के लिए केन्द्र सरकार की योजनाएँ
- MGNREGA, PM-Awas Yojana (Rural), PM-KISAN, DDU-GKY, NRLM (DAY), Jal Jeevan Mission।
Example
- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना का लक्ष्य किस आयु-समूह को कौशल प्रदान करना है?
उत्तर: 15–35 वर्ष
15. ग्राम विकास के लिए राज्य सरकार (उत्तर प्रदेश) की योजनाएँ
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, एक जनपद एक उत्पाद (ODOP), किसान उदय योजना, मुख्यमंत्री जल जीवन मिशन प्लस, उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क योजना आदि |
Example
- ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) कृषि यंत्रीकरण b) पारम्परिक उत्पादों का ब्रांड-विकास c) ग्रामीण रोजगार गारंटी d) पंचायत भवन निर्माण
उत्तर: b) पारम्परिक उत्पादों का ब्रांड-विकास