चकबंदी लेखपाल के कार्य – जाने चकबंदी के नियम और शिकायत कैसे करे

लेखपाल, जिन्हें कई राज्यों में पटवारी, पटेल, या कारनाम अधिकारी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्व विभाग में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं और भूमि-संबंधी सभी मामलों के लिए प्राथमिक रूप से जिम्मेदार होते हैं। एक लेखपाल का पद सीधे तौर पर गाँव की जनता से जुड़ा होता है, जो उन्हें प्रशासन का एक सुलभ और महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

चकबंदी क्या होता है ?

चकबंदी वह विधि है, जिसके माध्यम से खेती की भूमि को विभाजित होने से प्रतिबंधित किया जाता है, तथा भूमि के छोटे- छोटे टुकड़ो को एक साथ सम्मिलित किया जाता है, भारत में छोटे खेतों के कारण किसानों की कार्य क्षमता में कमी आती है | इसके विपरीत बड़े खेतों में कृषक के लिए नवीनतम कृषि यंत्रों का प्रयोग करना सरल हो जाता है, जिससे उसकी कार्य क्षमता में अत्यधिक वृद्धि होती है, बड़े खेतों में बदलने पर छोटे खेतों को विभाजित करने में उपयोग की गई मेड़ों की संख्या कम हो जाती है, जिससे मेड़ो में उपयोग की गई भूमि का भी कृषि कार्य के उपयोग में आ जाती है, इस पेज पर चकबंदी लेखपाल के कार्य एवं चकबंदी के नियम और चकबंदी की शिकायत करनें  के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे है |

लेखपाल के मुख्य कार्य और जिम्मेदारियाँ

  • भूमि अभिलेखों का रखरखाव: लेखपाल का सबसे प्रमुख कार्य अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले एक या एक से अधिक गाँवों की भूमि का संपूर्ण लेखा-जोखा रखना है। इसमें खसरा (खेत का नक्शा) और खतौनी (किसानों की भूमि का विवरण) रखना शामिल है।
  • भूमि का सीमांकन और स्थानांतरण: जब भी किसी भूमि की खरीद-फरोख्त या पारिवारिक बंटवारा होता है, तो लेखपाल की उपस्थिति में ही भूमि का सीमांकन और दाखिल-खारिज (mutation) का कार्य किया जाता है।
  • अतिक्रमण की रोकथाम: सरकारी या सार्वजनिक भूमि, जैसे तालाब, चारागाह, या बंजर भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे की रिपोर्ट वे वरिष्ठ अधिकारियों को देते हैं और उसे हटाने में मदद करते हैं।
  • आपदा प्रबंधन: बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में, लेखपाल फसलों के हुए नुकसान का आकलन करते हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार प्रभावित लोगों को मुआवजा और राहत सामग्री प्रदान करती है।
  • प्रमाण पत्र जारी करना: आय, जाति, और निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया में लेखपाल की भूमिका अहम होती है। उनके सत्यापन के बाद ही ये प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।
  • कृषि और पशु गणना: वे समय-समय पर होने वाली कृषि गणना और पशु गणना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे सरकारी नीतियां बनाने के लिए सटीक आंकड़े मिलते हैं।
  • सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, को जमीनी स्तर पर लागू करने और पात्र लाभार्थियों की पहचान करने में लेखपाल मदद करते हैं।
  • राजस्व वसूली: भू-राजस्व और अन्य सरकारी देय की वसूली में भी लेखपाल सहयोग करते हैं।

राजस्व लेखपाल और चकबंदी लेखपाल में अंतर

  • राजस्व लेखपाल: ये राजस्व विभाग के स्थायी कर्मचारी होते हैं और इनका मुख्य कार्य भूमि के रिकॉर्ड का रखरखाव, दाखिल-खारिज, राजस्व वसूली और अन्य नियमित राजस्व संबंधी कार्यों का निष्पादन करना है।
  • चकबंदी लेखपाल: इनकी नियुक्ति चकबंदी विभाग में होती है और इनका मुख्य कार्य किसानों की छोटी-छोटी और बिखरी हुई जोतों (खेतों) को एक स्थान पर एकत्रित करके बड़े चक बनाना होता है। यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, चकबंदी लेखपाल का कार्य उस क्षेत्र में समाप्त हो जाता है।

FAQ

क्या पटवारी और लेखपाल एक ही पद हैं?

हाँ, मूल रूप से ये दोनों एक ही पद के नाम हैं। उत्तर प्रदेश में चौधरी चरण सिंह के कार्यकाल में ‘पटवारी’ का नाम बदलकर ‘लेखपाल’ कर दिया गया था। हालांकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में आज भी ‘पटवारी’ शब्द का ही प्रयोग होता है।

लेखपाल के लिए पदोन्नति के क्या अवसर हैं?

अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर एक लेखपाल को पदोन्नति के अवसर मिलते हैं। एक लेखपाल पदोन्नत होकर कानूनगो (राजस्व निरीक्षक) और उसके बाद नायब तहसीलदार के पद तक पहुँच सकता है।